कहानी का अगला भाग इस प्रकार है:
अंजलि की आँखें सूरज और प्रिया की ओर देखते ही सिकुड़ गईं। “आप लोग कौन हैं?” उसने पूछा। “आप मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं?”
सूरज का चेहरा दर्द से विकृत हो गया। “अंजलि, कृपया। आपको याद रखना होगा। हम आपके परिवार हैं। हम ही हैं जो आपसे प्यार करते हैं।”
लेकिन अंजलि का दिमाग पूरी तरह से खाली था। वह उन्हें पहचान नहीं पाई, और वह उन पर भरोसा नहीं करती थी।
तभी, डॉक्टर अंदर आया, उसके चेहरे पर सहानुभूतिपूर्ण भाव था। “अंजलि, मुझे डर है कि आपको भूलने की गंभीर बीमारी हो गई है। आपको कुछ भी याद नहीं है, है न?”
अंजलि ने घबराहट में अपना सिर हिलाया। “नहीं, कुछ भी नहीं। मैं कौन हूँ? मुझे क्या हुआ?”
डॉक्टर बोलने से पहले झिझका। “आप एक दुर्घटना में थीं, अंजलि। एक कार दुर्घटना। आप कई हफ्तों से कोमा में हैं।”
अंजलि की आँखें चौड़ी हो गईं जब उसने इस जानकारी को समझने की कोशिश की। दुर्घटना? कोमा? उसे कुछ भी याद नहीं था।
लेकिन फिर, कुछ अजीब हुआ। उसके दिमाग में यादों का एक टुकड़ा कौंध गया। एक घर की याद, एक खूबसूरत घर जिसमें एक बगीचा था। और एक औरत, एक औरत जिसकी मुस्कान भयावह थी।
अंजलि की आँखें सूरज और प्रिया पर टिक गईं। “मुझे कुछ याद है,” उसने कहा, उसकी आवाज़ फुसफुसाहट से थोड़ी ऊपर थी। “मुझे एक घर याद है। और एक औरत। स्वरा।”
सूरज और प्रिया ने एक-दूसरे को घबराई हुई नज़र से देखा। “तुम्हारा क्या मतलब है?” सूरज ने पूछा, उसकी आवाज़ कांप रही थी।
अंजलि की आँखें सिकुड़ गईं। “मुझे नहीं पता, लेकिन मुझे लगता है कि वह मेरी यादों को खोलने की कुंजी है। और मैं इसका पता लगाने जा रही हूँ।”अपने अतीत को उजागर करने के लिए अंजलि के दृढ़ संकल्प ने उसे अस्पताल से चुपके से बाहर निकलने के लिए प्रेरित किया, स्वरा और रहस्यमय घर को खोजने के लिए दृढ़ संकल्पित। सूरज और प्रिया ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह दृढ़ थी।
जैसे-जैसे वह सड़कों से गुज़रती गई, उसकी यादें टुकड़ों में लौटने लगीं। उसे घर, बगीचा और स्वरा की भयावह मुस्कान याद आ गई।
आखिरकार, वह घर पहुँची, उसका दिल उसकी छाती में धड़क रहा था। वह दरवाज़े से बाहर निकली, स्वरा से भिड़ने और जवाब माँगने के लिए तैयार।
लेकिन उसने जो पाया वह उसकी कल्पना से परे था। घर खाली था, लेकिन मेज पर एक नोट था, जो उसके लिए संबोधित था।
“अंजलि,” उस पर लिखा था। “तुम सच्चाई के करीब पहुँच रही हो। लेकिन सावधान रहो, सच्चाई तुम्हारे सोचने से कहीं ज़्यादा ख़तरनाक है। अगर तुम जानना चाहती हो कि तुम्हारे साथ वास्तव में क्या हुआ था, तो 5वें और मेन पर पुराने गोदाम में मुझसे मिलो।”
नोट पढ़ते ही अंजलि का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। इसके पीछे कौन था? और वे उससे क्या चाहते थे?
वह जानती थी कि उसे सावधान रहना होगा, लेकिन वह नोट को अनदेखा नहीं कर सकती थी। उसे यह जानना था कि उसके साथ क्या हुआ।
एक गहरी साँस के साथ, वह गोदाम की ओर चल पड़ी, आगे जो भी हो उसका सामना करने के लिए तैयार।