एक रहस्यमयी कहानी : डरावनी या संदेह से भरी हुई  पार्ट 8।।A mysterious story: scary or full of suspense. Part 8।

अगला भाग यहाँ है:

जैसे ही अंजलि पुराने गोदाम के पास पहुँची, उसे घबराहट महसूस हुई। कुछ ठीक नहीं लग रहा था। इमारत उसके सामने खड़ी थी, उसकी खिड़कियाँ बंद थीं और उसका दरवाज़ा जंग से ढका हुआ था।

उसने चरमराते दरवाज़े को धक्का देकर खोला और अंदर कदम रखा। हवा में नमी थी, और कोने में एक हल्की सी रोशनी से ही रोशनी आ रही थी।

“स्वागत है, अंजलि,” छाया से एक आवाज़ आई। “मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी।”

अंजलि का दिल तेज़ी से धड़कने लगा जब उसने आवाज़ के स्रोत का पता लगाने की कोशिश की। अचानक, अंधेरे से एक आकृति उभरी।

यह स्वरा थी।

“तुम इसके पीछे हो,” अंजलि ने दृढ़ स्वर में आरोप लगाया। “तुम ही हो जो मुझे बरगला रही हो।”

स्वरा मुस्कुराई, उसकी आँखों में द्वेष की चमक थी। “मैं बस तुम्हें याद दिलाने की कोशिश कर रही हूँ,” उसने कहा।  “तुम्हारा एक अतीत है, अंजलि। एक ऐसा अतीत जो तुमसे छुपाया गया है।”

स्वरा के शब्दों को समझने की कोशिश करते हुए अंजलि का दिमाग तेजी से घूम रहा था। वह किस अतीत के बारे में बात कर रही थी? और स्वरा उसे याद दिलाने की कोशिश क्यों कर रही थी?

लेकिन इससे पहले कि वह कोई सवाल पूछ पाती, स्वरा ने बोलना जारी रखा। “मेरे साथ आओ,” उसने कहा। “और मैं तुम्हें सच्चाई दिखाऊँगी।”

और इसके साथ ही, स्वरा अंजलि को गोदाम में और अंदर ले गई, एक ऐसे रहस्य की ओर जो उसकी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल देगा।जैसे-जैसे वे गोदाम में अंदर की ओर बढ़े, अंजलि का दिल प्रत्याशा से धड़क उठा। स्वरा उसे क्या दिखाने जा रही थी? वह कौन से रहस्य छिपा रही थी? अचानक, स्वरा एक बड़े धातु के दरवाजे के सामने रुक गई। “यही है,” उसने धीमी और रहस्यमयी आवाज़ में कहा। “यही वह जगह है जहाँ तुम्हारा अतीत छिपा है।” स्वरा ने दरवाज़ा खोला तो अंजलि की आँखें चौड़ी हो गईं, एक कमरा दिखाई दिया जो अजीब मशीनों और उपकरणों से भरा हुआ था। कमरे के बीच में, एक बड़ा उपकरण गुनगुना रहा था और एक अलौकिक प्रकाश से चमक रहा था। “यह कौन सी जगह है?” अंजलि ने पूछा, उसकी आवाज़ फुसफुसाहट से थोड़ी ऊपर थी। स्वरा मुस्कुराई। “यही वह जगह है जहाँ तुम्हारी यादें मिटा दी गई थीं,” उसने कहा। “यही वह जगह है जहाँ तुम्हारा अतीत तुमसे छीन लिया गया था।” अंजलि की आँखें आश्चर्य से चौड़ी हो गईं। “तुम्हारा क्या मतलब है?” उसने पूछा। “मेरी यादें किसने छीन लीं?” स्वरा की मुस्कान और चौड़ी हो गई। “तुम देखोगे,” उसने कहा। “बस मशीन में कदम रखो, और तुम्हें सब कुछ याद आ जाएगा।”  अंजलि झिझकी, उसे यकीन नहीं था कि उसे स्वरा पर भरोसा करना चाहिए या नहीं। लेकिन अपने अतीत को याद करने की उसकी इच्छा ने उसके डर पर काबू पा लिया, और वह मशीन में घुस गई।

जैसे ही उसने ऐसा किया, मशीन चालू हो गई, और कमरे में एक चमकदार रोशनी भर गई। अंजलि को एक अजीब सी अनुभूति हुई, जैसे उसकी यादें खुल रही हों। और फिर, अचानक, सब कुछ काला हो गया।

जब अंजलि ने फिर से अपनी आँखें खोलीं, तो उसने खुद को बिल्कुल अलग जगह पर पाया। वह फूलों और पेड़ों से घिरी एक खूबसूरत बगीचे में खड़ी थी। और उसके सामने, उसने एक आकृति देखी जिसके बारे में उसने कभी नहीं सोचा था कि वह उसे फिर कभी देख पाएगी।

“वापस स्वागत है, अंजलि,” आकृति ने मुस्कुराते हुए कहा। “मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा था।”

और इसके साथ ही, अंजलि की यादें वापस आ गईं। उसे अपना अतीत, अपना परिवार और अपनी असली पहचान याद आ गई। और वह जानती थी कि उसका जीवन फिर कभी वैसा नहीं होगा।

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