प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात: शांति के प्रति प्रतिबद्धता

23 सितंबर, 2024 को न्यूयॉर्क में “भविष्य का शिखर सम्मेलन” के दौरान भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति महामहिम श्री वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की। यह मुलाकात पिछले तीन महीनों में दोनों नेताओं के बीच तीसरी बैठक थी, जो दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के प्रति बढ़ते महत्व को दर्शाती है।

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चर्चा के दौरान, नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी की हालिया यूक्रेन यात्रा पर विचार किया और द्विपक्षीय संबंधों के मजबूत होते बंधन पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने यूक्रेन में विकसित हो रही स्थिति पर चर्चा की और इस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया, जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है।

प्रधानमंत्री मोदी ने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया और सभी हितधारकों के बीच कूटनीति और संवाद को प्राथमिकता देने की वकालत की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत, अपने साधनों के भीतर रहते हुए, एक स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को संभव बनाने के लिए समर्थन प्रदान करने के लिए तैयार है। यह दृष्टिकोण भारत की दीर्घकालिक कूटनीतिक नीति के अनुरूप है, जो संघर्षों के बजाय संवाद को प्राथमिकता देती है और अंतरराष्ट्रीय विवादों में मध्यस्थता करने की कोशिश करती है।

बैठक के दौरान भारत और यूक्रेन के बीच बढ़ते सहयोग को रेखांकित किया गया, जो विभिन्न कूटनीतिक चर्चाओं के माध्यम से मजबूत हुआ है। दोनों नेताओं ने व्यापार, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के प्रति अपनी पारस्परिक रुचि को दर्शाते हुए निकट संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की।

जैसे-जैसे वैश्विक परिस्थितियाँ बदल रही हैं, अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में भारत की मध्यस्थता की भूमिका और अधिक प्रासंगिक होती जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच चर्चा भारत की शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने की सक्रिय स्थिति को दर्शाती है, जो उसे एक जिम्मेदार वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है।

संक्षेप में, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच बैठक भारत-यूक्रेन संबंधों में एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में सामने आई है, जो क्षेत्र में शांति और स्थिरता के प्रति साझा प्रतिबद्धता को उजागर करती है। दोनों नेताओं के बीच चल रहे संवाद से एक सकारात्मक मार्ग की ओर संकेत मिलता है, जहाँ दोनों राष्ट्र सहयोग के नए रास्ते तलाशने और पारस्परिक समर्थन को बढ़ाने के लिए तैयार हैं।

निष्कर्ष

भारत और यूक्रेन के बीच यह संवाद और सहयोग अंतरराष्ट्रीय संबंधों को संवाद और कूटनीति के माध्यम से सुदृढ़ करने की व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाता है। जैसे-जैसे दोनों राष्ट्र अपने सामने आने वाली चुनौतियों का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए काम कर रहे हैं, उनकी यह साझेदारी न केवल उनके देशों के लिए बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी लाभकारी सिद्ध हो सकती है।