एक निजी कूटनीतिक बातचीत में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से ताइवान की स्वतंत्रता पर अमेरिका के रुख में बदलाव का आग्रह किया। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान हुई बैठक में शी ने बाइडन से अपील की कि अमेरिका ताइवान की स्वतंत्रता पर अपनी स्थिति को “समर्थन नहीं” करने से बदलकर “विरोध” करने का रूप दे।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!शी और उनके सहयोगियों ने आग्रह किया कि अमेरिका का बयान चीन की ताइवान पर अपनी स्थिति के साथ अधिक मेल खाता हो। यह भाषा परिवर्तन काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इससे “वन चाइना” नीति के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता का संकेत मिलेगा, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र की जटिल कूटनीतिक गतिशीलता को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, चीन की ओर से बार-बार किए गए अनुरोधों के बावजूद बाइडन प्रशासन ने अपने वर्तमान रुख को बनाए रखा है और यह स्पष्ट किया है कि अमेरिका ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता है, लेकिन इसका सक्रिय रूप से विरोध करने से बच रहा है।
चीन का यह अनुरोध उसके बढ़ते सैन्य और राजनीतिक दबाव को दर्शाता है। हाल के वर्षों में चीन ने ताइवान के आसपास अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया है, जिससे वैश्विक स्तर पर चिंताएं बढ़ी हैं। वहीं, अमेरिका ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने की अपनी चिंता व्यक्त की है, खासकर ताइवान स्ट्रेट में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के चलते।
इस मामले पर सवालों का जवाब देते हुए व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा कि बाइडन-हैरिस प्रशासन अपनी दीर्घकालिक “वन चाइना” नीति के प्रति प्रतिबद्ध है और ताइवान पर अमेरिकी रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है।