भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए नया नियमावली

भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित करने और प्रबंधित करने के लिए, दूरसंचार मंत्रालय ने ‘दूरसंचार (डिजिटल भारत निधि का प्रशासन) नियम, 2024’ को अधिसूचित किया है। यह नियमावली 20 अगस्त 2024 को भारत सरकार की गजट में प्रकाशित की गई। ये नियम, दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत तैयार किए गए हैं, और इसका उद्देश्य डिजिटल भारत निधि के प्रभावी प्रबंधन और कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है।

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डिजिटल भारत निधि: एक नई शुरुआत

भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत स्थापित यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड को अब डिजिटल भारत निधि के रूप में पुनः नामित किया गया है। यह नया नाम बदलने का निर्णय समय की जरूरतों के अनुसार टेलीcommunication क्षेत्र में होने वाले नए परिवर्तनों को समर्थन देने के उद्देश्य से लिया गया है।

नए नियमों की विशेषताएँ

  1. प्रशासन की शक्तियाँ और कार्य:
    नए नियमों के तहत, एक प्रशासक को डिजिटल भारत निधि के कार्यान्वयन और प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन नियमों में निधि से योजनाओं और परियोजनाओं के लिए चयन प्रक्रिया भी स्पष्ट की गई है।
  2. अनुदान की दिशा:
    निधि का उपयोग उन परियोजनाओं के लिए किया जाएगा जो दूरसंचार सेवाओं को दूरदराज और कम विकसित क्षेत्रों में सुधारने पर केंद्रित हों। इसमें महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों, और आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष योजनाएं शामिल हैं।
  3. प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा:
    इन नियमों के तहत, परियोजनाओं को प्रौद्योगिकी नवाचार, अनुसंधान और विकास, और स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायिककरण को प्रोत्साहित करने के लिए भी मान्यता प्राप्त है।
  4. सार्वजनिक और समान पहुंच:
    निधि से वित्त पोषित किसी भी परियोजना को खुले और गैर-भेदभावपूर्ण आधार पर दूरसंचार नेटवर्क/सेवाओं को साझा करने की आवश्यकता होगी।

दूरसंचार अधिनियम, 2023 का संदर्भ

दूरसंचार अधिनियम, 2023 को दिसंबर 2023 में पारित किया गया था और यह कानून 24 दिसंबर 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ लागू हुआ। इस अधिनियम के तहत, विभाग ने 26 जून 2024 से कुछ धाराओं को लागू किया, और बाकी धाराएँ 5 जुलाई 2024 से लागू हुईं।

भविष्य की दिशा

नए नियमों और डिजिटल भारत निधि के तहत उठाए गए कदम, भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं। ये नियम सरकारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं कि सभी वर्गों को दूरसंचार सेवाओं की समान पहुंच प्रदान की जाए और एक आत्मनिर्भर टेलीcommunication क्षेत्र की दिशा में अग्रसर हुआ जाए।

सारांश में, ये नए नियम न केवल डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी हैं कि दूरसंचार सेवाओं की पहुंच सभी नागरिकों तक समान रूप से पहुंचे, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां सुविधाएं अभी भी सीमित हैं। भारत की बढ़ती डिजिटल जरूरतों को पूरा करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश को एक सशक्त और तकनीकी दृष्टि से उन्नत भविष्य की ओर ले जाएगा।