एक रहस्यमयी कहानी : डरावनी या संदेह से भरी हुई । पार्ट 1 A mysterious story: scary or full of suspense. Part 1


सूरज और अंजली की अभी नई नई शादी हुई थी। शादी के बाद उन्होंने हनीमून में घूमने के लिए शिमला का चयन किया था।
शिमला वो खुशी खुशी पहुंच गए थे । शिमला के एक होटल में ठहरे हुए थे। अगले दिन की प्लानिंग कर रहे थे कि अगले दिन हमें शिमला में कहां-कहां किन किन जगहों पर घूमना है?

हालांकि उन्होंने इस होटल का बुकिंग ऑनलाइन किया था। लेकिन उन्हें अभी भी नहीं पता था कि होटल कितना अच्छा है, कितने साल पुराना है, इसकी विश्वसनीयता क्या है लेकिन फिर भी रुक गए थे। होटल जिस जगह पर था,
वहां पर दूर-दूर तक कोई अन्य होटल दिखता नहीं था। एकदम एकांत में होटल स्थित था लेकिन फिर भी यहां से नजारा बहुत सुंदर दिख रहा था पहाड़ियों के बीच में एक सुंदर होटल!

यहां पर 5 कर्मचारी रहते थे। होटल के कर्मचारी ज्यादा बात नहीं किया करते थे। बहुत ही शांत रहते थे।

सूरज अपनी वाइफ के साथ अभी शाम को 5:00 बजे ही तो पहुंचा था। सूरज ने कहा-
अब आज घूमने के लिए जा नहीं सकते , इसीलिए होटल में रुके रहें। उन्होंने सोचा कि आज रात में होटल में ही रुकते हैं। वैसे भी सफर करके बहुत थक चुके हैं। कल घूमने जाएंगे।

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इतना लम्बा सफर करने के बाद दोनो लोगों को आराम और भोजन की जरूरत थी , क्योकि लखनऊ से शिमला इतना पास थोड़े न था ऊपर से ट्रेन और बस का सफर।
होटल के कमरे से सूरज ने मैनेजर के पास फोन लगाया। मैनेजर! हमें खाना ऑर्डर करना है । मैनेजर ने कहा क्या क्या भिजवाना है सर ।  सूरज ने कहा ,  हमें शाही पनीर दो प्लेट और कुछ रोटियां चाहिए और सलाद तथा मीठे में रसगुल्ले भिजवा देना और हां आइसक्रीममत भूलना । ठीक है सर! 
वेटर अभी थोड़ी देर में आपके पास पहुंचाता है सर ; मैनेजर ने कहा ।
मात्र 5 मिनट हुए थे कि दरवाजे के पास खटखट की आवाज आई। सूरज ने दरवाजा खोला देखा सामने एक स्टाफ का ड्रेस पहने हुए एक व्यक्ति खड़ा था। उसने कहा सर लीजिए आप का भोजन!
सूरज खाना लेता है और अंदर लेकर आता है और दरवाजा बंद कर देता है। अंजलि ने सूरज से कहा, कितना फास्ट होटल है केवल 5 मिनट ;इतने कम समय में ही खाना बनकर हमारे पास भिजवा दिया, अरे वाह क्या बात है ।

जब सूरज और अंजलि ने डिसाइड किया कि चलो अब खाना खाते हैं। खाने के लिए बैठे  और एक एक बाइट तोड़ कर दोनों ने एक दूसरे को खिलाया। जैसे ही 15 मिनट बाद , सूरज और अंजली ने खाना खत्म किया तभी। फिर से खटखट की आवाज आती है। दरवाजा खोला तो देखा  कि सामने होटल का वेटर खड़ा था बिल्कुल वैसा ही जो अभी थोड़ी देर पहले आया था और हाथ में खाना लिये हुए था और उसने कहा: सर आपका खाना रेडी है। इतना देख कर सूरज एकदम चौक गया।

सूरज के मुंह से आवाज ही नहीं निकल रही थी। उसने सोचा कि यह क्या बात है। अभी तो यह आदमी न हमें खाना देकर गया था। फिर से खाना क्यों लेकर आया है?

सूरज ने  कहा दबी हुई आवाज में।
अरे भाई, अभी तो आप खाना लेकर आये था। यही सारी चीजें देकर गए हो। फिर दोबारा क्यों लेकर आए हमने तो दोबारा आर्डर नहीं किया है ।  वेटर ने कहा सर मैं तो पहली बार आया हूं। आपने बोला था। इसी वजह से तो हम जल्दी-जल्दी खाना तैयार किए हैं। फिर भी खाना बनने में टाइम तो लगता ही है। फिर भी हमने आधे घंटे में तैयार किया है सर !  सर मैं इसको कहां पर रखूं  ?

जैसे ही इतना बोलता है होटल का स्टाफ । सूरज के मुंह से आवाज तक नहीं निकलती।

आखिर क्या सोचता है सूरज ?आखिर कैसी है सूरज की स्थिति ?  क्या होगा आगे? कैसे और क्या करेगा सूरज? यह जानने के लिए देखें पार्ट 2 !