कहानी का अगला भाग इस प्रकार है:
जैसे ही उनकी साँसें संभली, अंजलि के पिता ने अपनी जेब से एक छोटा सा उपकरण निकाला। “यह एक सुरक्षित संचार उपकरण है,” उन्होंने समझाया। “हम इसका उपयोग अपने सहयोगियों से संपर्क करने और यहाँ से निकलने के लिए कर सकते हैं।”
अंजलि ने सिर हिलाया, उसकी आँखें उपकरण पर टिकी हुई थीं। उसे नहीं पता था कि यह किस तरह की तकनीक है, लेकिन वह जानती थी कि यह उनकी एकमात्र उम्मीद थी।
जैसे ही उसके पिता ने डायल करना शुरू किया, अंजलि ने उनके पीछे से एक आवाज़ सुनी। वह घूमी, उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था। स्वरा की टीम ने उन्हें ढूँढ़ लिया था।
“पिताजी, वे यहाँ हैं!” उसने फुसफुसाते हुए कहा।
उसके पिता की आँखें उसकी आँखों पर टिकी थीं, और उन्होंने जल्दी से उपकरण जेब में रख लिया। “मेरे पीछे आओ,” उन्होंने फुसफुसाते हुए कहा।
अंजलि ने सिर हिलाया, उसका दिल उसकी छाती में धड़क रहा था। वह जानती थी कि उसके पिता उसे बचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह यह भी जानती थी कि वे संख्या में कम थे।
जैसे ही स्वरा की टीम करीब आई, अंजलि के पिता अपनी जगह पर डटे रहे। “तुम मेरी बेटी को कहीं नहीं ले जा रहे हो,” उसने गुर्राते हुए कहा।
स्वरा मुस्कुराई, उसकी आँखों में द्वेष की चमक थी। “हम इस बारे में देखेंगे,” उसने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा।
और इसके साथ ही कमरे में अफरा-तफरी मच गई। अंजलि के पिता ने स्वरा की टीम से लड़ाई की, लेकिन अंजलि जानती थी कि वे लंबे समय तक टिक नहीं सकते। उन्हें वहाँ से जल्दी से जल्दी निकलना था। लेकिन कैसे?
जैसे ही स्वरा की टीम अंजलि के पिता पर हावी होने वाली थी, कमरे में एक जोरदार आवाज गूंजी। लाइटें टिमटिमाने लगीं और उनके पैरों के नीचे की जमीन हिल गई।
“क्या हो रहा है?” अंजलि पीछे की ओर लड़खड़ाते हुए चिल्लाई।
उसके पिता ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपने पास खींच लिया। “यह एक मनोरंजन है,” वह शोरगुल के ऊपर चिल्लाया। “हमें अब यहाँ से निकलना होगा!”
जैसे ही वे भागने के लिए मुड़े, छाया से एक आकृति उभरी। यह प्रिया थी, उसकी आँखें दृढ़ संकल्प से चमक रही थीं।
“चलो!” उसने चिल्लाते हुए उन्हें पास के निकास की ओर इशारा किया।
अंजलि ने संकोच नहीं किया। वह प्रिया और उसके पिता के पीछे-पीछे चली गई, उनके कदम ज़मीन पर टकरा रहे थे क्योंकि वे घुमावदार गलियारों से भाग रहे थे।
वे आखिरकार निकास द्वार से बाहर निकले, हवा के लिए हांफते हुए वे तेज धूप में निकले।
लेकिन उनकी राहत थोड़े समय के लिए ही थी। स्वरा की टीम उनके पीछे-पीछे चल रही थी, उनकी चीखें और कदम तेजी से उनके पीछे-पीछे आ रहे थे।
अंजलि का दिल डर से धड़क रहा था। वे कहाँ जा सकते थे? वे कैसे बच सकते थे?
लेकिन प्रिया को ठीक से पता था कि वह क्या कर रही थी। वह उन्हें घुमावदार सड़कों से होते हुए ले गई, भीड़ को चकमा देते हुए और उनके बीच से गुजरते हुए।
आखिरकार, वे एक छोटी सी गली में छिप गए, जो नज़रों से ओझल थी। अंजलि दीवार से टकरा गई, उसकी छाती थकान से धड़क रही थी।
“अब क्या?” उसने प्रिया और उसके पिता की ओर देखते हुए हाँफते हुए कहा।
प्रिया की आँखें उसकी आँखों से टकरा गईं, उनकी गहराई में एक दृढ़ निश्चय जल रहा था। “हम लड़ते रहते हैं,” उसने कहा। “जब तक हम सच्चाई को उजागर नहीं कर देते, हम हार नहीं मानेंगे।”