सूरज के सामने जो लड़की खड़ी थी उसका नाम प्रिया था, और वह सालों से सूरज का इंतज़ार कर रही थी। वह उसे हर जगह ढूँढ़ रही थी, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। उसने लगभग उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन फिर उसने सूरज को अपने सामने खड़ा देखा, जितना उसने कभी सोचा भी नहीं था उससे कहीं ज़्यादा सुंदर।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!प्रिया अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाई, और वह बेकाबू होकर रोने लगी। सूरज उसकी प्रतिक्रिया से हैरान था, लेकिन वह उससे जुड़ाव महसूस करने से खुद को नहीं रोक पाया। उसने उसे पहले कभी नहीं देखा था, लेकिन उसके बारे में कुछ ऐसा था जो उसे जाना-पहचाना लग रहा था।
“तुम कौन हो?” सूरज ने स्थिति को समझने की कोशिश करते हुए पूछा।
“मैं प्रिया हूँ,” उसने काँपती आवाज़ में जवाब दिया। “मैं तुम्हारी बहन हूँ।”
सूरज दंग रह गया। उसे कभी नहीं पता था कि उसकी कोई बहन है। उसके माता-पिता ने कभी उसका ज़िक्र नहीं किया था, और उसे हमेशा लगता था कि वह इकलौता बच्चा है।
लेकिन इससे पहले कि वह इस नई जानकारी को समझ पाता, प्रिया ने बोलना जारी रखा।
“जब हम बच्चे थे, तब हम अलग हो गए थे,” उसने बताया। “हमारे माता-पिता का तलाक हो गया, और हम अलग-अलग पालक घरों में चले गए। मैं तब से तुम्हें खोज रही हूँ।” सूरज का दिमाग घूम रहा था। वह जो सुन रहा था, उस पर उसे यकीन नहीं हो रहा था। लेकिन जब उसने प्रिया की आँखों में देखा, तो उसने वहाँ कुछ ऐसा देखा, जिससे उसे उस पर भरोसा हो गया। प्रिया ने सूरज का हाथ पकड़ा और उसे पास की एक बेंच पर ले गई। वे बैठ गए, और उसने अपने परिवार के इतिहास के बारे में बताना शुरू किया। “हमारे माता-पिता कई सालों तक शादीशुदा थे,” उसने कहा। “लेकिन उनके बीच कुछ समस्याएँ थीं, और आखिरकार उनका तलाक हो गया। वे हमारी देखभाल नहीं कर सकते थे, इसलिए उन्होंने हमें पालक देखभाल में डाल दिया।” सूरज की आँखें चौड़ी हो गईं जब उसने सुना। उसने कभी नहीं सोचा था कि उसके माता-पिता का अतीत इतना जटिल था। “मैं तुम्हें सालों से खोज रही थी,” प्रिया ने कहा। “आखिरकार मैंने तुम्हें पा लिया, और मैं बहुत खुश हूँ।” सूरज के गले में गांठ महसूस हुई। वह अपनी बहन को पाकर खुश था, लेकिन वह इस बात से भी दुखी था कि उसके माता-पिता ने उससे यह रहस्य छिपाया था।
सूरज और प्रिया चिंतित दिख रहे थे, होटल पहुँचे। सूरज ने प्रिया से कहा, “मेरी पत्नी अंजलि गायब है।” “और यह होटल… जैसा दिख रहा है वैसा नहीं है। अजीबोगरीब चीजें हो रही हैं।”
प्रिया की आँखें चिंता में चौड़ी हो गईं। “क्या मतलब है तुम्हारा? क्या हो रहा है?”
लेकिन सूरज के जवाब देने से पहले, एक तेज़ आवाज़ गूंजी, जिससे वे दोनों चौंक गए।
इस बीच, अंजली घर में परिवार को जान रही थी। वे सभी बहुत गर्मजोशी से स्वागत कर रहे थे, और उसे लगा कि आखिरकार उसे एक घर मिल गया है। लेकिन वह इस भावना से छुटकारा नहीं पा सकी कि कुछ गड़बड़ है। कुछ ऐसा था जो वे उसे नहीं बता रहे थे, कुछ बड़ा। अंजलि घर की ओर चल रही थी, उसके साथ वह महिला थी जिसने दावा किया था कि वह उसे जानती है। “यह तुम्हारा घर है, अंजलि,” महिला ने कहा। “तुम्हें बस यह याद नहीं है। तुम्हारा एक्सीडेंट हुआ था, और तुम्हारी याददाश्त चली गई थी। हम तुम्हें हर जगह खोज रहे थे, और आखिरकार, हमने तुम्हें पा लिया।”
अंजलि का दिमाग घूम रहा था। क्या यह महिला सच कह रही थी? क्या यह वाकई उसका घर था? यह जाने के लिये देखे पार्ट 6||