लालगोपालगंज, नवाबगंज। गऊघाट आश्रम के मंदिर से राधा-कृष्ण की अष्टधातु मूर्ति चोरी होने के बाद स्वामी जयराम दास जी महाराज ने अद्वितीय संकल्प लिया है। स्वामी जयराम दास जी महाराज ने मूर्ति की बरामदगी तक जल और फल ग्रहण करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने अपनी रातें भगवान के ध्यान में बिताई हैं, ताकि वह इस संकट के समय में अपनी आस्था को बनाए रख सकें।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सोमवार को चोरों ने गऊघाट आश्रम के मंदिर का ताला तोड़कर अष्टधातु की मूर्ति चुरा ली। यह मूर्ति प्राचीन काल की थी और इसकी चोरी से स्वामी जयराम दास जी महाराज और स्थानीय भक्तों में भारी आक्रोश है। जब स्वामी जयराम दास जी महाराज मूर्ति के लिए जल चढ़ाने आए, तो उन्हें चोरी का पता चला। इस घटना से दुखी स्वामी जयराम दास जी महाराज ने कहा, “जब तक भगवान की मूर्ति वापस नहीं मिलती, तब तक मैं कुछ भी ग्रहण नहीं करूंगा।”
पुलिस ने तुरंत ही मामले की जांच शुरू की। घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस के आला अधिकारियों ने हालात का मुआयना किया, लेकिन मूर्ति का कोई सुराग नहीं मिल सका। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच भी की है, जिसमें चोरों ने पहले कैमरे बंद किए और फिर चोरी की वारदात को अंजाम दिया।
स्थानीय पुलिस के साथ-साथ एसओजी और क्राइम ब्रांच की टीमें भी चोरों की तलाश में जुटी हैं। स्वामी जयराम दास जी महाराज ने कहा, “भगवान के प्रति मेरी भक्ति इस संकट के समय में और भी मजबूत हो गई है। मैं अपने संकल्प पर अडिग रहूंगा।”
इस घटना के बाद आश्रम के भक्तों ने भी मूर्ति की जल्द बरामदगी के लिए प्रार्थना की है। पुलिस का कहना है कि वह चोरों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले का खुलासा होगा और चोरी गई मूर्ति को वापस लाया जा सकेगा।