शैडो कैबिनेट: यह एक राजनीतिक प्रणाली है जो विपक्षी दलों के नेताओं को विभिन्न मंत्रालयों की प्रमुखता और निगरानी के लिए नियुक्त करती है। इसका उद्देश्य सरकार के कामकाज पर निगरानी रखना होता है, लेकिन इसके पास फैसले लेने की शक्ति नहीं होती। इस बार भारत में भी इस प्रणाली की चर्चा हो रही है, और राहुल गाँधी को शैडो पीएम बनाने की संभावना है
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!राहुल गाँधी के नेतृत्व में अगर विपक्षी इंडिया अलायन्स शैडो कैबिनेट बनाता है, तो वह शैडो पीएम भी होंगे। इससे उन्हें कई चयन समितियों का हिस्सा होगा, जो ईडी और सीबीआई जैसी प्रमुख केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों की नियुक्ति करती हैं। यह भी मतलब होगा कि उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर चुनाव आयुक्त, केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक, केंद्रीय सतर्कता आयोग के अध्यक्ष, मुख्य सूचना आयुक्त, और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जैसे प्रमुख पदाधिकारियों का चयन करना होगा
शैडो कैबिनेट का यह सिस्टम मीडिया और मतदाताओं को ध्यान खींच सकता है, लेकिन इसके लिए ये जरूरी है कि भारत ब्लॉक 2029 तक मोमेंटम कायम रख सके।