भारत में हाल के वर्षों में हृदय संबंधी बीमारियों, विशेषकर हार्ट अटैक, के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। इसका एक प्रमुख कारण भोजन में सोडियम की अत्यधिक मात्रा है, जो उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) का कारण बनती है और हृदय संबंधी समस्याओं को जन्म देती है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सोडियम और हार्ट अटैक का संबंध
सोडियम शरीर के लिए आवश्यक खनिजों में से एक है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकता है। जब हम अत्यधिक सोडियम का सेवन करते हैं, तो शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे रक्तचाप में वृद्धि होती है। उच्च रक्तचाप हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
भारतीय भोजन में सोडियम का अधिक सेवन
भारतीय खाने में सोडियम की अधिकता का एक प्रमुख कारण नमक और नमकीन खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन है। निम्नलिखित कारणों से सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है:
1. प्रोसेस्ड फूड्स और पैकेज्ड स्नैक्स: भारत में आजकल फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड्स और पैकेज्ड स्नैक्स का चलन बढ़ गया है। ये सभी खाद्य पदार्थ अत्यधिक मात्रा में सोडियम से भरे होते हैं, जैसे आलू चिप्स, नमकीन, फ्रोजन फूड्स, और इंस्टेंट नूडल्स।
2. अचार और पापड़: भारतीय खाने में अचार, पापड़ और अन्य नमकीन वस्तुओं का सेवन आम है, जिनमें नमक की मात्रा बहुत अधिक होती है। यह सोडियम के सेवन को और बढ़ा देता है।
3. फास्ट फूड और रेस्तरां का खाना: फास्ट फूड चेन और रेस्तरां में परोसे जाने वाले खाने में भी सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है। इस प्रकार का भोजन उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों के का कारण बनता है।
सोडियम की अनुशंसित मात्रा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, प्रतिदिन एक व्यक्ति को 5 ग्राम (लगभग एक चम्मच) से अधिक नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। लेकिन भारत में औसत सोडियम का सेवन इस सीमा से कहीं अधिक होता है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं।
सोडियम की अधिक मात्रा से बचाव के उपाय
1. घर के खाने में नमक की मात्रा कम करें: खाना बनाते समय और खाने में अतिरिक्त नमक डालने की आदत को नियंत्रित करना चाहिए। कम नमक वाले विकल्पों का चयन करें और पैकेज्ड फूड्स से बचें।
2. प्रोसेस्ड फूड्स से दूरी बनाएं: प्रोसेस्ड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के बजाय ताजे फल, सब्जियां और घर का बना खाना खाना अधिक सुरक्षित और स्वस्थ है।
3. लेबल पढ़ने की आदत डालें: जब भी कोई पैकेज्ड फूड खरीदें, तो उसके लेबल पर सोडियम की मात्रा जरूर जांचें और कम सोडियम वाले उत्पादों का चयन करें।
4. रेस्तरां के खाने में सावधानी बरतें: बाहर खाना खाते समय खाने में सोडियम की मात्रा के बारे में पूछें और कम नमक वाले विकल्पों को प्राथमिकता दें।
निष्कर्ष
भारत में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों के पीछे सोडियम की अधिक मात्रा एक बड़ा कारण है। अत्यधिक नमक का सेवन उच्च रक्तचाप को जन्म देता है, जो हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोगों का मुख्य कारण है। इसे रोकने के लिए हमें अपने भोजन में सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करने की आवश्यकता है और स्वस्थ खान-पान की आदतें अपनानी चाहिए। सही समय पर ध्यान देने से हृदय संबंधी बीमारियों को काफी हद तक रोका जा सकता है और स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।