एक रहस्यमयी कहानी : डरावनी या संदेह से भरी हुई  पार्ट 9।।A mysterious story: scary or full of suspense. Part 9।

कहानी का अगला भाग इस प्रकार है:

अंजलि की आँखें चौड़ी हो गईं जब उसने अपने सामने खड़े व्यक्ति को देखा। यह उसके पिता थे, जिसे उसने मरा हुआ समझा था। वह जीवित थे और उसके ठीक सामने खड़े थे, मुस्कुरा रहे थे।

“पिताजी?” उसने हकलाते हुए कहा, उसकी आवाज़ फुसफुसाहट से थोड़ी ही ऊपर थी।

उसके पिता ने सिर हिलाया, उसकी आँखें आँसुओं से भर गईं। “अंजलि, मेरी प्यारी बेटी,” उसने अपनी बाहें खोलते हुए कहा। “मुझे हर चीज़ के लिए बहुत खेद है। मुझे बहुत खेद है कि मुझे तुम्हें छोड़ना पड़ा।”

अंजलि का दिमाग घूम रहा था क्योंकि वह यह समझने की कोशिश कर रही थी कि क्या हो रहा है। उसके पिता जीवित थे? यह कैसे संभव था?

लेकिन इससे पहले कि वह कोई सवाल पूछ पाती, उसके पिता ने बोलना जारी रखा। “मुझे पता है कि तुम्हारे पास बहुत सारे सवाल हैं, अंजलि। लेकिन पहले, मैं तुम्हें कुछ दिखाता हूँ।”

वह उसे पास की एक बेंच पर ले गया और बैठ गया, उसे अपने साथ बैठने का इशारा किया। जब वे साथ बैठे, तो उसने उसे एक कहानी सुनाना शुरू किया।

“बहुत समय पहले, मैं एक गुप्त संगठन का हिस्सा था,” उन्होंने कहा। “हम उन्नत तकनीक विकसित करने के लिए एक परियोजना पर काम कर रहे थे। लेकिन कुछ गलत हो गया, और परियोजना बंद हो गई। मुझे खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।”

सुनते हुए अंजलि की आँखें चौड़ी हो गईं। उसे नहीं पता था कि उसके पिता इस तरह की किसी चीज़ में शामिल थे।

“लेकिन तुमने मुझे क्यों छोड़ दिया?” उसने पूछा, उसकी आवाज़ काँप रही थी। “तुमने मुझे क्यों सोचने दिया कि तुम मर चुके हो?”

उसके पिता ने आह भरी, उनकी आँखों में पछतावे से भर गए। “मुझे पता है कि मैंने गलती की है, अंजलि। लेकिन मैंने तुम्हें बचाने के लिए ऐसा किया। मैं नहीं चाहता था कि तुम इस सब में फँस जाओ।”

अंजलि का दिमाग चकरा रहा था क्योंकि वह सब कुछ समझने की कोशिश कर रही थी। उसके पिता जीवित थे, और वे उससे सालों से रहस्य छिपा रहे थे। लेकिन जब उसने उनकी आँखों में देखा, तो उसे वहाँ ईमानदारी दिखी, और उसे पता था कि उसे उन्हें माफ़ करना होगा।

“मैं समझती हूँ,” उसने कहा, उसकी आवाज़ फुसफुसाहट से थोड़ी ऊपर थी।  “लेकिन अब जब मुझे सच्चाई पता चल गई है, तो मैं तुम्हारी मदद करना चाहता हूँ। मैं इस संगठन का हिस्सा बनना चाहता हूँ, ताकि चीजों को सही करने में मदद कर सकूँ।”

उसके पिता मुस्कुराए, उनकी आँखें गर्व से भर गईं। “मैं जानता था कि तुम मज़बूत हो, अंजलि,” उन्होंने कहा। “साथ मिलकर, हम महान काम कर सकते हैं।”

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अंजलि के पिता ने सिर हिलाया, उनके चेहरे पर दृढ़ निश्चय था। “सबसे पहले, हमें यहाँ से निकल जाना चाहिए,” उन्होंने कहा। “स्वरा और उनकी टीम हमें ढूँढ़ रही होगी। हमें फिर से संगठित होने और कोई योजना बनाने के लिए एक सुरक्षित जगह ढूँढ़नी होगी।”

अंजलि ने सिर हिलाया, उसके दिमाग में सवालों की बाढ़ आ गई। लेकिन उसे पता था कि उसे कम से कम अभी के लिए अपने पिता पर भरोसा करना होगा।

जब वे बगीचे से बाहर निकले, तो अंजलि ने कुछ अजीब देखा। फूल और पेड़ उसकी आँखों के सामने हिलते-डुलते, रंग और आकार बदलते हुए लग रहे थे। उसने पलकें झपकाईं, यह सोचते हुए कि कहीं उसे भ्रम तो नहीं हो रहा है।

लेकिन उसके पिता ने भी इसे नोटिस किया। “यह तकनीक है,” उन्होंने फुसफुसाते हुए कहा। “यह पर्यावरण को प्रभावित कर रही है। हमें यहाँ से जल्दी से निकल जाना चाहिए।”

उन्होंने अपनी गति तेज़ कर दी, अंजलि का दिल उसकी छाती में धड़क रहा था। क्या हो रहा था? और वे इसे कैसे रोक सकते थे?

जब वे बगीचे के किनारे पहुँचे, तो अंजलि ने एक आकृति को उनका इंतज़ार करते हुए देखा।  वह प्रिया थी, उसकी आँखें दृढ़ निश्चय से चमक रही थीं।

“चलो,” प्रिया ने उन्हें पास की कार की ओर इशारा करते हुए कहा। “हमें अब यहाँ से निकलना होगा।”

अंजलि ने संकोच नहीं किया। वह प्रिया और उसके पिता के पीछे कार तक गई, उसके दिमाग में सवालों की बाढ़ आ गई। क्या हो रहा था? और वे कहाँ जा रहे थे?

लेकिन जब वे बगीचे से दूर चले गए, तो अंजलि को एक बात पक्की तौर पर पता थी। उसकी ज़िंदगी फिर कभी वैसी नहीं होगी।